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धारा - 39 (कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यु से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है)

धारा - 39 (कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यु से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है)
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा - 39

(कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यु से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है)

यदि अपराध पूर्वगामी धारा 38 में प्रगणित भांतियों में से किसी भांति का नहीं है, तो शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार हमलावर की मृत्यु स्वेच्छया कारित करने तक का नहीं होता, किन्तु इस अधिकार का विस्तार धारा 37 में वर्णित निर्बन्धनों के अध्यधीन हमलावर की मृत्यु से भिन्न कोई अपहानि स्वेच्छया कारित करने तक का होता है।

(IPC) की धारा 101 को (BNS) की धारा 39 में बदल दिया गया है।
(IPC) की धारा 101 को (BNS) की धारा 39 में बदल दिया गया है।


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